स्पीती घाटी हिमाचल प्रदेश का एक ठंडा ,रेगिस्तान-पर्वतीय क्षेत्र है। समुद्र तल से ३,८०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से इस जगह को दुर्गम माना जाता है। साल में से लगभग ८ महीने यहाँ बर्फ होती है। हमारी संस्था ‘लेट्स ओपन ए बुक’ यहाँ के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में नि:शुल्क पुस्तकालय स्थापित कर रही हैं।
काज़ा स्पीती व्हॅली का व्यावसायिक केंद्र हैं। काज़ा का सार्वजनिक पुस्तकालय एक तालुका पुस्तकालय हैं जिसे साल १९८४ में स्थापित किया गया था। यहाँ की पुस्तकालय अध्यक्ष श्रीमती छेरिंग डोलमा के आग्रह पर हमारी टीम ने यहाँ के लिए एक योजना बनाई, जिससे इस पुस्तकालय को एक स्वच्छ, सुंदर और पढ़ने के लिए आकर्षक जगह बनायी जा सके। इसमें स्थानीय अधिकारियों का सहयोग महत्वपूर्ण था, विशेषकर श्री जीवन सिंह नेगी जी का (एसडीएम, लाहौल- स्पीती)। यह रिपोर्ट उसी योजना पर आधारित है ।
हमने काफी बुनियादी चीज़ों से शुरुआत की:
फर्नीचर - कमरे में बहुत ज्यादा फर्नीचर (मेजें, कुर्सियां, अलमारियाँ) होने की वजह से जगह कम पड़ रही थी। अलमारियों को खिड़कियों के सामने खड़ा कर दिया गया था, जिसकी वजह से कमरे में प्राकृतिक रोशनी की कमी थी। पुराने कंप्यूटर भी रखे थे जिनका कोई उपयोग नहीं था। अनावश्यक फर्नीचर के कारण कमरे की सफाई करना मुश्किल होता था।
जो अलमारियाँ प्राकृतिक प्रकाश को अंदर आने से रोक रही थी, उन्हें हटा दिया गया। कुछ पुरानी अलमारियाँ हटा दी गयी। अनावश्यक मेजों और कुर्सियों को भी हटा दिया गया। इससे कमरे में खुली जगह बढ़ गयी। स्थानीय अधिकारियों से अनुरोध किया की वे इस जगह की मरम्मत कराएँ।
स्वछता - फर्श पर बिछाये गए क़ालीन के नीचे धूल जमी पड़ी थी - क़ालीन उठाने पर कमरे में धूल उठती थी। धूल साफ करने के लिए क़ालीन हटाया गया और नीचे की धूल को ठीक से साफ़ किया गया। खिड़कियों के सामने से अलमारियाँ हटाने के बाद खिड़कियों को भी ठीक से साफ़ किया। और किताबों पर जमी धूल को साफ़ भी किया गया।
किताबों का संग्रह - पुस्तकालय में काफी किताबें थी, पर उन्हें ठीक से वर्गीकृत नहीं किया गया था। इसके कारण किताबें ढूँढना मुश्किल होता था। पुरानी किताबें, पत्रिकाओं और अखबारों को निकाल देने की जरुरत थी। हमने किताबों को कुछ इस तरह से विभागा (इसमें आगे और भी विभाग किये जा सकते हैं।)
बच्चों के पढ़ने के लिए जगह - बच्चे बैठ कर पढ़ सकें, इसके लिए पुस्तकालय में कोई जगह नहीं थी। इसके लिए पुस्तकालय अध्यक्ष के कमरे का इस्तेमाल किया जा सकता था। कमरे में भी कुछ बुनियादी चीज़ों का ध्यान रखा गया -
लाइब्रेरियन को हमारे साथी संस्था, वर्ल्ड रीडर की तरफ से एक टैबलेट सौंप दिया गया, जिसमें ५०० से भी अधिक बच्चों की किताबें हैं।
बच्चे पुस्तकालय में बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं या किताबें घर ले जाकर पढ़ सकते हैं। यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी। जिन स्कूल के शिक्षकों के पास हमारी संस्था द्वारा दी गयी किताबें हैं, वे लायब्ररी में किताबों का विनिमय कर सकते हैं। इससे स्कूलों में नयी किताबें आती रहेंगी। मैडम छेरिंग डोलमा के पास स्कूलों द्वारा ली जा रही किताबों का पूरा रिकॉर्ड है।
रुचि धोणा के लेख 'Kaza Public Library Status Report'का यहअनुवाद नूपुर लीडबीडे ने किया है।
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